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आज डाक्टर और वैज्ञानिक जान गए हैं कि सामान्य ज्ञान हमेशा हम से कह रहा है कि शरीर और मस्तिष्क के बीच एक गहरा संबंध है, और यह गहराई तक हमारे संपूर्ण शरीरिक स्वास्थ्य और सेहतमंद होने के अनुभव पर प्रभाव डालता है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि करीब-करीब आधे से ज्यादा शारीरिक कष्ट तनाव जनित हैं। और प्लैसेबो इफैक्ट के प्रयोग से पता चला है कि लोग विशेष इलाज या औषधि पर विश्वास के कारण स्वस्थ होते हैं, जबकि चाहे वे चीनी की गोली ही क्यों न ले रहें हो। कई किताबों में इसको दर्ज किया गया है।.… |
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“शरीर एक चमत्कार है”। वह अत्यंत सुंदर है, अत्यंत जटिल है। शरीर जितना सूक्ष्म और जटिल है उतना कुछ भी नहीं है। तुम्हें उसके बारे में कुछ भी पता नहीं है। तुमने सिर्फ आईने में उसे देखा है। तुमने भीतर से उसे कभी नहीं देखा; अन्यथा वह अपने आपमें एक विश्व है। रहस्यदर्शी सदा से कहते रहे हैं कि शरीर एक छोटा विश्व है। अगर तुम उसे भीतर से देखोगे तो वह इतना विराट है–– करोड़ों करोड़ों कोशिकाएं, और प्रत्येक कोशिका जीवित और हर एक का अपना जीवन होता है। और हर कोशिका इतनी बुद्धिमानी से जीती है कि लगभग असंभव, अविश्वसनीय, आश्चर्य जनक मालूम होता है।....” |
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विएतनाम के आगंतुक |
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विएतनाम से हाल ही में 18 लोगों का एक जोशीला समूह ओशो इंटरनैशनल रिज़ार्ट पुणे में आया था। उनकी उम्र 24 से 72 के बीच थी । वे सभी विभिन्न ओशो ध्यान विधियों में सहभागी हुए और ओशो मल्टीवर्सिटी कोर्सेस में भी। उन्होंने फास्ट ट्रैक टु योरसैल्फ और ब्रैथ एनर्जी कोर्स किए। एक संध्या उन्होंने विएतनाम की बहुत सुंदर आभिजात्यपूर्ण शैली में नृत्य और संगीत की प्रस्तुति की जिससे कि सभी लोग बहुत अभिभूत हुए।
और उन्हें यह बुद्धक्षेत्र कैसा लगा?
उनकी मुखिया हुआ ने कहा, “ मैंने ऐसी जगह कहीं नहीं देखी। यह एक तरह से देखा जाए तो जंगल में है लेकिन पूरी तरह से टेक्नॉलॉजी की सुविधाओं से लैस है। मैं ताज़ा हवा में सांस लेती हूं, सुस्वादु भोजन है, और यहां के लोग इतने प्यारे हैं। हम लोग गेस्टहाउस में ठहरे हैं और वहां के कर्मचारी इतने विनम्र और तत्पर हैं कि दिल को छू जाता है।’’
तिएन, एक कार्पोरेट कोच ने कहा, “ यह एक मस्त स्थान है। यहां जो शांति है वह मुझे बाहर के कर्कश जगत से दूर करती है। मैं जब से यहां आई हूं, मैंने अपने मोबाईल को हाथ नहीं लगाया है और मुझे उसका कतई रंज नहीं है।’’
येन क्युह्न एक अनुवादक हैं जो मेडिटेशन रिज़ार्ट को अविश्वसनीय पाते हैं।“ एक अलग ही दुनिया है, एक बार आप अंदर आ गए तो बाहर जाने का दिल नहीं करता।‘’
ज़ुआन्ग जो कि गणित के प्राध्यापक हैं उन्होंने ब्रैथ एनर्जी कोर्स किया जो उन्हें बहुत ही प्रभावशाली लगा:“ ऐसा लगता है मेरी भीतर से सफाई हुई और मैं
मानो एक नया ही आदमी हो गया। |
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पुरस्कार प्राप्त ओशो ज़ेन टैरो |
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परंपरागत टैरो कार्ड के नजरिये की बजाय – जो कि अतीत और भविष्य के बारे में जानने की इच्छा से प्रेरित होता है, ओशो ज़ेन टैरो कार्ड आपके लिए अभी और यहीं आपके भीतर जो मनस्थिति है उसे जानने में सहयोग करता है। यह ज़ेन प्रज्ञा पर आधारित प्रणालि है। उसका सिद्धान्त यह है बाह्य दुनिया में जो घटनाएं घटती हैं वे हमारे अंतर्जगत की घटनाओं की प्रतिनिधि हैं। हमारे ही विचार और भाव बाहर प्रगट होते हैं यद्यपि हमें इसके बारे में कोई समझ या जानकारी नहीं होती। तो इन टैरो कार्ड्स में हमारा ध्यान बाहर से हटकर भीतर की ओर लाया जाता है ताकि हम हमारी गहराई को समझ लें। इन कार्ड्स पर जो तस्वीरें दिखाई गई हैं वे मन के रूपांतरण के लिए सहयोगी हैं। उसके साथ जो किताब है उसमें लिखित स्पष्टीकरण उन तस्वीरों को समझने में सहायक होता है। उनमें कुछ ओशो के वचन हैं और कुछ ज़ेन कहानियां।.... |
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सुसाइड की जरूरत नहीं, संन्यास लो। – नवभारत टाइम्स |
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एक शिष्य ने ओशो से कहा कि वह जिंदगी से तंग आकर आत्महत्या करना चाहता है, इस पर ओशो बोले: तुम सूइसाइड क्यों करना चाहते हो? शायद तुम जैसा चाहते थे, लाइफ वैसी नहीं चल रही है? लेकिन तुम जिन्दगी पर अपना तरीका, अपनी इच्छा थोपने वाले होते कौन हो? हो सकता है कि तुम्हारी इच्छएं पुरी न हुई हो? तो खुद को क्यों खत्म करते हो, अपनी... |
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अक्टूबर 2014 Newsletter |
OSHO International
Waterfront Business Centre, No 5, Lapps Key, Cork, Ireland |
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